कवि का मानना है कि बच्चों के काम पर जाने की भयानक बात को विवरण की तरह न लिखकर सवाल के रूप में पूछा जाना चाहिए कि ‘काम पर क्यों जा रहे हैं बच्चे?’ कवि की दृष्टि में उसे प्रश्न के रूप में क्यों पूछा जाना चाहिए?

कवि की दृष्टि में इसे प्रश्न के रूप में इसलिए पूछा जाना चाहिए क्योंकि बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं। अगर वे शिक्षित नहीं होंगे तो हमारा देश भी शिक्षित नहीं होगा। बच्चों की उन्नति से ही देश की भी उन्नति है। इस तरह से छोटे-छोटे बच्चों का काम पर जाना बिल्कुल भी उचित नहीं है। बच्चों की इस स्थिति के जिम्मेदार समाज और व्यवस्था के लोग हैं। जो ये सब देख तो रहे हैं लेकिन इन बच्चों के हालातों को सुधारने के लिए कुछ भी नहीं कर रहे| इसलिए बच्चों के इन हालातों को नजरअंदाज न करते हुए इसे प्रश्न के रूप में समाज और व्यवस्था के सामने रखा जाना चाहिए ताकि समाज इस बात को समझे और इस कुप्रथा को ख़त्म करने के लिए आगे आये|


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